ओला इलेक्ट्रिक के सर्विस सेंटरों पर बाउंसर तैनात

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ओला इलेक्ट्रिक के सर्विस सेंटरों पर बाउंसर तैनात: बढ़ती ग्राहक असंतुष्टि के बीच कंपनी के सामने नई चुनौती

ग्राहक असंतोष के दृश्य

ओला इलेक्ट्रिक, जो कभी भारत के इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में नवाचार का प्रतीक था, आज अपने ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों के कारण संघर्ष कर रहा है। ग्राहकों द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए दृश्य, विशेषकर अमोल चौधरी द्वारा पोस्ट किए गए, कंपनी की सेवाओं में आई गिरावट की तस्वीर पेश करते हैं। इन तस्वीरों में सर्विस सेंटरों में धूल से ढके पड़े स्कूटर और ग्राहकों के साथ बाउंसर की बहस देखी जा सकती है, जो कंपनी के हालातों की ओर इशारा करते हैं।

आंकड़े बयान कर रहे हैं कहानी

हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक को हर महीने 80,000 से अधिक शिकायतें मिल रही हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कंपनी को गुमराह करने वाले व्यवहार के आरोप में नोटिस भेजा है, जो कंपनी की मार्केट स्थिति को और जटिल बना रहा है।

EY का हस्तक्षेप: रणनीतिक साझेदारी

ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी सेवाओं में सुधार के लिए EY के साथ सहयोग किया है। EY के अधिकारियों की एक टीम तीन महीने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसका उद्देश्य ओला की सेवा संचालन में सुधार, स्पेयर पार्ट्स की बेहतर व्यवस्था और उन क्षेत्रों में सेवा उपस्थिति को मजबूत करना है जहां कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

आंतरिक चुनौतियाँ

ओला इलेक्ट्रिक न केवल बाहरी समस्याओं से जूझ रही है, बल्कि आंतरिक चुनौतियाँ भी उसे परेशान कर रही हैं। हाल के महीनों में कंपनी के तीन वरिष्ठ सेवा प्रमुखों के इस्तीफे के कारण उच्च दर की कर्मचारी छंटनी देखने को मिली है। इससे सेवा सुधार के प्रयास और भी जटिल हो गए हैं।

बिक्री पर प्रभाव

आंतरिक चुनौतियों का असर कंपनी की बिक्री पर साफ दिखाई दे रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के पहले छमाही में कंपनी की बिक्री में 25% की गिरावट आई है। ओला की बाजार हिस्सेदारी भी 40.4% से घटकर 32.4% हो गई है, जिससे कंपनी की दीर्घकालिक स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

निष्कर्ष:

बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, ओला इलेक्ट्रिक को अपनी सेवाओं और ग्राहकों के साथ संचार में पारदर्शिता बरतने की आवश्यकता है।