हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ ओवरसब्सक्राइब
हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ की ओवरसब्सक्रिप्शन से बाजार को क्या संकेत मिले?
परिचय :
HDFC सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने बिजनेस टुडे से बातचीत में हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ के संकेतों और आने वाले बड़े आईपीओ के लिए उम्मीदों पर अपने विचार साझा किए।
हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ: ओवरसब्सक्रिप्शन का विश्लेषण
पिछले हफ्ते हुंडई मोटर इंडिया का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) 2 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ। इस पब्लिक ऑफर में 99.76 मिलियन शेयरों की पेशकश के मुकाबले 236.32 मिलियन शेयरों की बोलियाँ मिलीं। इस ऑफर से कंपनी ने 27,856 करोड़ रुपये जुटाए, और इसकी लिस्टिंग 22 अक्टूबर को होनी है।
- संस्थागत निवेशकों की भागीदारी: संस्थागत खरीदारों के लिए आरक्षित कोटा 6.97 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ।
- रिटेल निवेशकों की भागीदारी: रिटेल व्यक्तिगत निवेशकों की श्रेणी मात्र 0.50 गुना सब्सक्राइब हुई।
महत्वपूर्ण प्रश्न और दीपक जसानी के उत्तर
सवाल 1: हुंडई के सबसे बड़े आईपीओ की ओवरसब्सक्रिप्शन से बाजार को क्या संकेत मिलता है?
जसानी: यह संकेत देता है कि बड़े और प्रतिष्ठित कंपनियों के गुणवत्ता वाले आईपीओ के लिए बाजार में धन की कमी नहीं है, भले ही बाजार की धारणा कमजोर हो। यह भी दिखाता है कि संस्थागत खिलाड़ी भारत की विकास गाथा में रुचि रखते हैं। यह आईपीओ अपने देश के बाहर की पहली लिस्टिंग के रूप में खास है, इसलिए निवेशक भागीदारी के लिए उत्सुक थे। हालांकि, गैर-संस्थागत खिलाड़ी इस मुद्दे में पूरी तरह भाग लेने से थोड़ा सावधान थे।
सवाल 2: इस ओवरसब्सक्रिप्शन का आने वाले बड़े आईपीओ पर क्या असर होगा?
जसानी: आने वाले आईपीओ को निवेशकों की भूख की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन कंपनियों को अपने व्यवसाय मॉडल को अनोखा बनाना होगा और लंबी अवधि में विकास की स्पष्टता प्रदान करनी होगी। इसके अलावा, अगर कंपनियां स्थानीय निवेशकों से ज्यादा भागीदारी चाहती हैं, तो उन्हें मौजूदा बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने आईपीओ की कीमत तय करनी होगी।
सवाल 3: क्या यह बाजार की तरलता पर अल्पकालिक प्रभाव डालेगा?
जसानी: ASBA के तहत आईपीओ आवेदन की राशि मात्र दो दिनों में जारी हो जाएगी, जिससे सिस्टम पर तरलता का दबाव सीमित रहेगा। इसके अलावा, QIB हिस्से की भारी सब्सक्रिप्शन (विदेशी निवेशकों द्वारा 60% आवेदन मूल्य) के कारण द्वितीयक बाजार की तरलता पर भी कोई बड़ा दबाव नहीं पड़ेगा।
सवाल 4: ऑटो सेक्टर के लिए इसका क्या मतलब है?
जसानी: हाल के मासिक ऑटो बिक्री आंकड़े कमजोर रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि त्योहारी सीजन या बाद में ऑटो सेक्टर के प्रदर्शन में सुधार आने तक यह अंडरपरफॉर्म कर सकता है। ऑटो कंपनियों का मूल्यांकन पहले से ही सस्ता नहीं था, और यह सुधार के संकेत मिलने तक चुनौतीपूर्ण बना रह सकता है।
निष्कर्ष :
हुंडई मोटर इंडिया का ओवरसब्सक्राइब हुआ आईपीओ बाजार की मजबूती और निवेशकों की रुचि को दर्शाता है। यह संकेत देता है कि अच्छे आईपीओ, भले ही बाजार की स्थिति कमजोर हो, अभी भी संस्थागत निवेशकों के लिए आकर्षक हैं।