AI के ज़रिए भारत को मिलेगा वैश्विक पहचान
दिल्ली में स्वास्थ्य, कृषि और सतत शहरों पर केंद्रित तीन AI उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की जाएगी
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की तीन AI उत्कृष्टता केंद्रों की घोषणा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में तीन AI उत्कृष्टता केंद्रों (CoEs) की स्थापना की घोषणा की है, जो स्वास्थ्य, कृषि और सतत शहरों जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इन केंद्रों की स्थापना शीर्ष संस्थानों के नेतृत्व में की जाएगी और इसमें उद्योग जगत और स्टार्टअप्स की भागीदारी भी शामिल होगी। इस परियोजना के लिए कुल ₹990 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
AI के ज़रिए भारत को मिलेगा वैश्विक पहचान
यह पहल 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों में लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य भारत की वैश्विक स्थिति को AI-आधारित अनुसंधान और नवाचार में मजबूती प्रदान करना है। AIIMS और IIT दिल्ली स्वास्थ्य क्षेत्र में CoE का नेतृत्व करेंगे, जबकि IIT रोपड़ कृषि क्षेत्र और IIT कानपुर सतत शहरों की पहल का नेतृत्व करेंगे।
विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम करेंगे AI-CoEs
इन AI-CoEs का उद्देश्य ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करना है। ये केंद्र बहुआयामी अनुसंधान करेंगे, अत्याधुनिक एप्लिकेशन विकसित करेंगे और इन क्षेत्रों में स्केलेबल समाधान तैयार करेंगे। इस पहल का मकसद एक प्रभावी AI पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उच्च-गुणवत्ता वाले मानव संसाधनों को तैयार करना है।
उद्योग-प्रधान समिति करेगी पहल की निगरानी
इस परियोजना की निगरानी के लिए एक उद्योग-प्रधान शीर्ष समिति का गठन किया गया है, जिसकी सह-अध्यक्षता डॉ. श्रीधर वेम्बू करेंगे। इस दौरान, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीद जताई कि ये तीन AI-CoEs वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक हित के केंद्र के रूप में उभरेंगे। उन्होंने कहा कि ये केंद्र देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देंगे, नए रोजगार और संपत्ति सृजनकर्ता पैदा करेंगे और वैश्विक सार्वजनिक हित के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।