इज़राइल ने हिज़बुल्लाह की वित्तीय संस्थान अल-क़र्द अल-हसन पर किए हवाई हमले, 11 शाखाओं को किया निशाना
हिज़बुल्लाह की वित्तीय संरचना को कमजोर करने की कोशिश
इज़राइल ने हाल ही में हिज़बुल्लाह से जुड़े वित्तीय संस्थान अल-क़र्द अल-हसन (AQAH) की कई शाखाओं पर हवाई हमले किए। ये हमले बेरूत के दक्षिणी उपनगर, दक्षिणी लेबनान और बक़ा घाटी में किए गए, जो हिज़बुल्लाह के गढ़ माने जाते हैं। इज़राइली रक्षा बलों (IDF) ने पुष्टि की है कि AQAH की कम से कम 11 शाखाओं को इस अभियान में निशाना बनाया गया है, जिसका उद्देश्य हिज़बुल्लाह की वित्तीय संसाधनों तक पहुँच को बाधित करना है।
अल-क़र्द अल-हसन क्या है?
1983 में स्थापित अल-क़र्द अल-हसन का अर्थ है “कल्याणकारी ऋण।” यह एक वित्तीय संस्था है, जो इस्लामी वित्तीय सिद्धांतों का पालन करती है और ब्याज-रहित ऋण प्रदान करती है। इसका उद्देश्य लेबनान के शिया समुदाय, विशेषकर हिज़बुल्लाह समर्थकों को ऋण सुविधा देना है। यह संस्था सोने और आभूषणों के बदले ऋण देती है, जिससे लेबनान के आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को राहत मिलती है।
हिज़बुल्लाह और अल-क़र्द अल-हसन का संबंध
हिज़बुल्लाह ने लेबनान के शिया समुदाय के बीच समर्थन बनाने और उसे बनाए रखने के लिए अल-क़र्द अल-हसन का उपयोग किया है। लेबनान में 2019 की आर्थिक संकट के बाद, AQAH ने पारंपरिक बैंकों के विपरीत अपनी सेवाएँ जारी रखीं, जिससे लोगों को नकदी की निकासी की सुविधा मिली। हिज़बुल्लाह ने इसे पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली के विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया है।
इज़राइली हमलों का उद्देश्य
IDF ने पुष्टि की कि हमलों में बेरूत के एक अस्पताल के नीचे स्थित एक तिजोरी को भी निशाना बनाया गया, जिसमें $550 मिलियन की राशि थी, जिसे हिज़बुल्लाह के सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाना था। इज़राइल का दावा है कि AQAH सालाना $750 मिलियन तक की ईरानी वित्तीय सहायता और अन्य आपराधिक गतिविधियों से अर्जित धन को संरक्षित करने में सहायक है।
हिज़बुल्लाह के वित्तीय समर्थन का भविष्य
इज़राइल द्वारा AQAH पर किए गए हमलों का मुख्य उद्देश्य हिज़बुल्लाह की वित्तीय व्यवस्था को बाधित करना है, जो संगठन की सैन्य क्षमताओं और संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, AQAH का लेबनान के शिया समुदाय में गहरा प्रभाव है, जो इस संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।