समरसल्ट्स करने वाले कबूतर: वैज्ञानिक जांच से हुआ पाँच जीनों का खुलासा
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कबूतरों में बैकफ्लिप करने की असाधारण क्षमता के पीछे कम से कम पाँच जीनों की भूमिका होती है, जो उनकी अनोखी शारीरिक क्रियाओं का कारण बनते हैं। ईरान की एतोसा समानी ने इन पर गहन शोध कर इस रहस्य का पता लगाया।
बचपन से कबूतरों के प्रति रुचि
एतोसा समानी, जो अब जेनेटिक्स की विशेषज्ञ हैं, ने कबूतरों में आनुवांशिकी की जानकारी बचपन में ही हासिल करना शुरू कर दिया था। ईरान के इस्फहान में, जो कबूतरों के टावरों के लिए प्रसिद्ध है, वह अपने पालतू कबूतरों के बीच बड़ी हुईं। उनके पसंदीदा कबूतरों में एक सफेद कबूतर था, लेकिन जब उन्होंने देखा कि इस कबूतर से कभी भी पूरी तरह सफेद संतति नहीं होती, तब उन्हें आनुवांशिकी का पहला सबक मिला।
जीनों की भूमिका
समानी ने महसूस किया कि सफेद रंग एक प्रतिगामी (recessive) आनुवांशिक गुण है, जो तभी दिखता है जब कबूतरों में दोनों माता-पिता से टूटी हुई जीन की प्रतियां मिलती हैं। इस ज्ञान ने उन्हें जेनेटिक्स के क्षेत्र में गहराई से अध्ययन करने की प्रेरणा दी।
कबूतरों के बैकफ्लिप्स का रहस्य
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा में माइकल शापिरो के साथ काम करते हुए, समानी ने रोलर कबूतरों के बैकफ्लिप्स की गुत्थी को सुलझाने का प्रयास किया। दो प्रकार के रोलर कबूतर होते हैं: एक, जो उड़ते समय हवा में कई समरसल्ट्स करते हैं, और दूसरे, ‘पार्लर रोलर्स’, जो ज़मीन पर पीछे की ओर पलटते रहते हैं। पारंपरिक कविताओं में कहा गया है कि ये पक्षी खुशी से ऐसा करते हैं, लेकिन समानी का मानना है कि यह एक ‘मूवमेंट डिसऑर्डर’ है।
अनुसंधान और जीन का खुलासा
समानी ने इस अनोखी हरकत के पीछे के जीन का पता लगाने के लिए कई सांख्यिकीय तरीकों का उपयोग किया। उन्होंने पाया कि पाँच बड़े डीएनए हिस्सों में सैकड़ों जीन होते हैं, जिनका संबंध इन हरकतों से हो सकता है। हालाँकि, कोई भी जीन ऐसी विशिष्ट म्यूटेशन नहीं दिखाता जो सीधे तौर पर इन समरसल्ट्स का कारण हो। इसके साथ ही, उन्होंने कबूतरों के मस्तिष्क में लगभग 2,000 जीन पाए, जिनकी गतिविधि पार्लर रोलर्स में अलग होती है।
आगे का मार्ग
समानी का पीएचडी जल्द ही पूरा हो जाएगा, और वह एक शिक्षक के रूप में अपना करियर बनाने की ओर बढ़ रही हैं। कबूतरों के साथ बिताए गए समय और उनके जटिल रहस्यों को सुलझाने की प्रक्रिया को वह बहुत मिस करेंगी। समानी कहती हैं, “मैंने पाँच साल तक इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश की है। यह एक ऐसा रहस्य है जिसे सुलझाने का अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा।”
इस शोध ने न केवल कबूतरों की अजीब हरकतों का रहस्य खोला है, बल्कि यह भी बताया है कि जीन कितने जटिल तरीकों से जानवरों के व्यवहार और शारीरिक क्रियाओं को प्रभावित करते हैं।