ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर लिडिया थॉर्प ने राजा चार्ल्स पर लगाया आदिवासी नरसंहार का आरोप, कहा – “तुम मेरे राजा नहीं हो”
राजा चार्ल्स पर गंभीर आरोप: “हमारी ज़मीन वापस दो”
ऑस्ट्रेलियाई स्वतंत्र सीनेटर लिडिया थॉर्प ने राजा चार्ल्स पर आदिवासी लोगों के खिलाफ नरसंहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शोर मचाते हुए कहा, “तुमने हमारे लोगों के साथ नरसंहार किया। हमारी ज़मीन वापस दो, जो तुमने हमसे चुराई थी।” उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
लिडिया थॉर्प कौन हैं?
लिडिया थॉर्प का जन्म 1973 में विक्टोरिया के कार्लटन में हुआ था। वह गुनाई, गुंडिटजमारा और जब वुर्रुंग आदिवासी समुदायों से संबंध रखती हैं। थॉर्प लंबे समय से ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी अधिकारों की मुखर समर्थक रही हैं और उन्होंने राजनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी से सामुदायिक विकास में डिप्लोमा और पब्लिक सेक्टर मैनेजमेंट में स्नातक प्रमाणपत्र हासिल किया है।
लिडिया थॉर्प की राजनीतिक यात्रा
लिडिया थॉर्प पहली बार 2017 में विक्टोरियन लेजिस्लेटिव असेंबली में नॉर्थकोट सीट से चुनी गईं। 2020 में, विक्टोरियन ग्रीन्स के सदस्यों ने उन्हें संघीय सीनेट के लिए नामांकित किया, जहाँ उन्होंने इतिहास रचते हुए विक्टोरिया की पहली आदिवासी महिला सीनेटर बनीं। 2022 में पुनर्निर्वाचित होने के बाद, वह ग्रीन्स पार्टी की उपनेता बनीं, लेकिन फरवरी 2023 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी, क्योंकि पार्टी ने एक सुधार का समर्थन किया जिसे वह और उनके समर्थक नहीं मानते थे।
राजा चार्ल्स के साथ टकराव का कारण
राजा चार्ल्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद, लिडिया थॉर्प को सुरक्षा कर्मियों द्वारा कार्यक्रम स्थल से बाहर ले जाया गया। बाद में उन्होंने बीबीसी को बताया कि उनका उद्देश्य राजा को एक स्पष्ट संदेश देना था, “तुम इस भूमि के राजा नहीं हो।” थॉर्प लंबे समय से ब्रिटिश राजशाही की आलोचक रही हैं, और उन्होंने आरोप लगाया कि यह संस्थान आदिवासियों के साथ अन्याय और नरसंहार का दोषी है।
ब्रिटिश राजशाही पर लिडिया थॉर्प की राय
लिडिया थॉर्प ने कई बार ब्रिटिश राजशाही पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने राजा चार्ल्स को “इस भूमि के वैध शासक नहीं” कहा और राजशाही पर आदिवासियों की जमीन और धन चोरी करने का आरोप लगाया। उनका मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को एक संधि प्रक्रिया के जरिए गणराज्य की ओर बढ़ना चाहिए, ताकि ऐतिहासिक गलतियों का निवारण किया जा सके।
लिडिया थॉर्प का इतिहास और संघर्ष
लिडिया थॉर्प का आदिवासी अधिकारों के प्रति संघर्ष उनके परिवार और पृष्ठभूमि से गहराई से जुड़ा है। वह कई उच्च-प्रोफ़ाइल प्रदर्शनों में शामिल रही हैं, जिनमें 2020 में उनके सीनेटर के रूप में शपथ ग्रहण के दौरान किया गया ब्लैक पावर सलामी शामिल है।