वैज्ञानिक शोध में AI का बढ़ता उपयोग
वैज्ञानिक शोध में AI का बढ़ता उपयोग: कुछ क्षेत्रों में तेज़ी, कुछ पीछे
अध्ययन से पता चला कि विज्ञान के कुछ क्षेत्रों में AI ने किया तेज़ी से अपनाया, जबकि कुछ अभी भी पीछे हैं
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न गति से हो रहा है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन शोध पत्रों के शीर्षक या सारांश में AI विधियों का उल्लेख है, वे अपने क्षेत्र के शीर्ष 5% सबसे अधिक उद्धृत किए गए कार्यों में शामिल होने की संभावना रखते हैं। इन शोध पत्रों को अन्य क्षेत्रों से भी अधिक उद्धरण मिलते हैं, जो दर्शाता है कि AI से जुड़े अध्ययन व्यापक स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
AI के उपयोग से वैज्ञानिकों को मिलता है ‘साइटेशन बूस्ट’
अध्ययन के अनुसार, AI टूल्स का उपयोग करने वाले शोध पत्रों को अधिक उद्धरण मिलते हैं, जिससे उनके महत्व को और अधिक बल मिलता है। हालांकि, यह ‘साइटेशन बूस्ट’ सभी वैज्ञानिकों के लिए समान नहीं है। जो वैज्ञानिक ऐतिहासिक रूप से विज्ञान में अल्पसंख्यक रहे हैं, उन्हें AI टूल्स के उपयोग के बावजूद उतने अधिक उद्धरण नहीं मिलते। इससे यह संभावना है कि AI मौजूदा असमानताओं को और बढ़ा सकता है।
AI का उपयोग: विज्ञान के क्षेत्रों में भिन्नता
अध्ययन में लगभग 75 मिलियन शोध पत्रों का विश्लेषण किया गया, जो 1960 से 2019 के बीच प्रकाशित हुए थे। इसमें पाया गया कि पिछले दो दशकों में सभी 19 वैज्ञानिक क्षेत्रों ने AI का उपयोग बढ़ाया है। कंप्यूटर विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग में AI का उपयोग सबसे अधिक है, जबकि इतिहास, कला और राजनीतिक विज्ञान में यह सबसे कम है।
AI का उपयोग और संभावित लाभ
शोधकर्ताओं ने यह भी जांचा कि AI विभिन्न क्षेत्रों में किस प्रकार के शोध कार्यों में मदद कर सकता है। कंप्यूटर विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में AI का उपयोग सबसे अधिक लाभकारी पाया गया, जबकि इतिहास, कला और राजनीतिक विज्ञान में इसका लाभ न्यूनतम था।
AI का व्यापक प्रभाव: विज्ञान के बदलते स्वरूप पर चिंताएं
हालांकि AI वैज्ञानिक शोध में नए अवसर प्रदान कर रहा है, Yale विश्वविद्यालय की लिसा मेसेरी जैसी विशेषज्ञों का कहना है कि AI के अत्यधिक उपयोग से यह संभावना बढ़ सकती है कि वैज्ञानिक इसे सिर्फ अधिक उद्धरण प्राप्त करने के लिए अपनाएं, चाहे इससे शोध की गुणवत्ता में सुधार हो या नहीं। अध्ययन के सह-लेखक डाशुन वांग का कहना है कि अब हमारे पास व्यवस्थित डेटा है, जो विज्ञान में AI उपयोग से जुड़े असमानताओं को संबोधित करने में मदद करेगा।
भविष्य की दिशा
AI के बढ़ते उपयोग के साथ यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि इसे संतुलित रूप से अपनाया जाए, ताकि यह वैज्ञानिक गुणवत्ता के साथ-साथ शोध कार्यों में समानता बनाए रखने में भी सहायक हो।