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विकास यादव पर अमेरिका में हत्या की साजिश का आरोप

Vikas Yadav accused of murder conspiracy

Vikas Yadav accused of murder conspiracy

पूर्व RAW अधिकारी विकास यादव पर अमेरिकी धरती पर हत्या की साजिश रचने का आरोप

खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में RAW के पूर्व अधिकारी पर अमेरिकी आरोप

नई दिल्ली: अमेरिकी अधिकारियों ने पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी विकास यादव को खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में अभियोग लगाया है। यह साजिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राज्य यात्रा के दौरान अमेरिकी धरती पर रची गई थी, लेकिन इसे नाकाम कर दिया गया।

अमेरिकी न्याय विभाग ने की घोषणा

अमेरिकी न्याय विभाग ने गुरुवार को 39 वर्षीय विकास यादव पर “मर्डर-फॉर-हायर” और “मनी लॉन्ड्रिंग” के आरोपों की घोषणा की। विकास यादव भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के तहत कैबिनेट सचिवालय में काम करते थे। अब वह अमेरिकी जांच एजेंसी FBI की वांछित सूची में हैं।

भारत की प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को पुष्टि की कि विकास यादव अब भारतीय सरकार के कर्मचारी नहीं हैं। भारत सरकार ने इस मामले पर अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और कहा है कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है।

एफबीआई का दावा

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा, “यह अभियोग दिखाता है कि अमेरिकी न्याय विभाग उन किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगा, जो अमेरिकी नागरिकों के अधिकारों को खतरे में डालती हैं।”

हत्या की योजना

विकास यादव और उनके साथी निखिल गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने 2023 की गर्मियों में पन्नू की हत्या की साजिश रची। निखिल गुप्ता को पिछले साल चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। इस योजना के तहत एक अज्ञात व्यक्ति को हत्या के लिए 1 लाख अमेरिकी डॉलर देने की पेशकश की गई थी, जिसमें से 15,000 डॉलर की पहली किश्त जून 2023 में दी गई थी।

अमेरिकी सरकार की संतुष्टि

अमेरिकी सरकार ने इस मामले में भारत की सहयोगात्मक भूमिका की सराहना की है। हाल ही में भारतीय जांच समिति ने एफबीआई, न्याय विभाग और राज्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की, जिसके बाद अमेरिका ने संतोष जताया।

भारत और अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर चल रही जांच का असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ सकता है, लेकिन अभी दोनों देश इस मामले में आपसी सहयोग जारी रखे हुए हैं।

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